What is semiconductor? Explain definition and meaning
What is semiconductor? Explain definition and meaning
Computer Hardware
Physics
- asked 6 years ago
- Priyanka Roy
2Answer
A semiconductor is a material that conducts less electricity than a conductor, like copper, and more electricity than an insulator, like glass. Semiconductors are used in virtually every form of electronic device and make our technical lifestyle possible. Some common types of components that use semiconductors are transistors, solar-cells, light-emitting diodes (LED's), and integrated circuits. Semiconductors are the "raw material" that make up out electronic circuits.
ref - https://www.bobology.com/public/What-is-a-Semiconductor.cfm
- answered 6 years ago
- Community wiki
अर्धचालक - अर्धचालक वे पदार्थ होते है, जो अपने अंदर से विद्युत धारा को चालक पदार्थों की तुलना में कम मात्रा में प्रवाहित होने देते है. जैसे, सिलिकोन. अर्धचालक पदार्थ चालक और कुचालक पदार्थों के मिश्रण से बनाए जाते है|
ऐसे पदार्थ जिनमें इलेक्ट्रॉनिक संरचना इस प्रकार की होती है कि कहीं इलेक्ट्रान मुक्त हो जाता है और कहीं रिक्त(Hole) बन जाता है, अर्धचालक(Semi Conductor) कहलाते है। इनकी विघुत चालकता सामान्य ताप पर चालक व विघुत रोधी पदार्थों की चालकताओ के मध्य होती है। जर्मेनियम और सिलिकॉन ऐसे मुख्य पदार्थ है। इनका उपयोग इलेक्ट्रॉनिक्स व ट्रांसिस्टर उपकरणों में होता है।
अर्धचालकों के प्रकार (Types of Semi conductor)
निज अर्धचालक(Intrinsic semi conductors) : जिन अर्धचालक में मुक्त इलेक्ट्रान तथा कोतर ऊष्मीय प्रभाव द्वारा उत्पन्न किये जाते है, उन्हें निज अर्धचालक कहा जाता है।
बाह्रा अर्धचालक(Extrinsic semi conductor) : अर्धचालक में अपद्रव्य मिलाने से प्राप्त ठोस को बाह्रा अर्धचालक कहते है अपद्रव्य के रूप में आर्सेनिक अथवा एल्यूमिनियम मिलते है, जिससे अर्धचालक की चालकता काफी बढ़ जाती है।
N- प्रकार के अर्धचालक: ऐसे बाह्रा अर्धचालक जिसमें विघुत का प्रवाह मुक्त इलेक्ट्रान की संख्या बढ़ जाने के कारण होता है, N- प्रकार के अर्धचालक कहलाते है। जब शुद्ध अर्धचालक में पंच संयोजी अपद्रव्य (जैसे– आर्सेनिक) मिला दिया जाता है, तो इस प्रकार के अर्धचालक प्राप्त होते है।
P-प्रकार के अर्धचालक : जिन अर्धचालक में विघुत का प्रवाह कोटरों(hole) की गति के कारण होता है, उन्हें P- प्रकार के अर्धचालक कहते है। जब शुद्ध अर्धचालक(जैसे– जर्मेनियम) में त्रिसंयोजी अपद्रव्य (जैसे– एल्यूमिनियम) मिला दिया जाता है, तो इस प्रकार के अर्धचालक प्राप्त होते है।
पञ्च संयोजी अपद्रव्य दाता(Donor) कहे जाते है। त्रिसंयोजी अपद्रव्य ग्राही(Accepter) कहे जाते है।अपद्रव्य मिलाए जाने की प्रक्रिया को डोपिंग(Doping) कहते है। ताप बढ़ने पर अर्धचालक की चालकता बढ़ती है, परन्तु चालक की चालकता घटती है।
- answered 6 years ago
- B Butts
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