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नई स्पीशीज के उद्भव में वर्तमान स्पीशीज के सदस्यों का परिवर्तनशील पर्यावरण में जीवित बने रहना है । इन सदस्यों को नये पर्यावरण में जीवित रहने बाह्य लक्षणों में परिवर्तन करना पड़ता है । अत: भावी पीढ़ी के सदस्यों म.शारारिक लक्षणों में परिवर्तन दिखाई देने लगते हैं जो संभोग क्रिया के द्वारा अगली पढ़िी में हस्तांतरित हो जाते हैं परंतु यदि दुसरी कॉलोनी के नर एवं मादा जीव वर्तमान पयावरण में संभोग करेंगे तब उत्पन्न होने वाली पीढी के सदस्य जीवित नहीं रह सकेंगे
3 July को हुए मंत्रीमंडल के विस्तार के बाद मोदी कैबिनेट का अंतिम सूचि इस प्रकार है ..
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