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धातुकर्म वह विधि है जिसके द्वारा अयस्क से शुद्ध धातु का निष्कर्षण होता है।
अयस्क से शुद्ध धातु का निष्कर्षण कई चरणों में होता है :–
(a) अयस्कों का समद्धीकरण ;- अयस्कों से गैंग को हटाने की प्रक्रिया को समृद्धीकरण कहते हैं।
(b) धातुओं का निष्कर्षण :- इसके लिए निस्तापन, भर्जन, अपघटन आदि विधि का प्रयोग होता है।
(c) धातुओं का परिष्करण :- अशुद्ध धातुओं को विभिन्न विधियों, जैसे विद्युत अपघटनी परिष्करण द्वारा शुद्ध किया जाता है।
अलंकार ( Alankar ) - मुंशी प्रेमचंद |
- answered 2 years ago
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