भूत काल (Past Tense) किसे कहते हैं? What is Past Tense?
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भूत काल - क्रिया के जिस रूप से बीते हुए समय का बोध होता है, उसे भूतकाल कहते है। या जिससे क्रिया से कार्य की समाप्ति का बोध हो, उसे भूतकाल की क्रिया कहते हैं।
भूतकाल के छह भेद होते है :-
(i) सामान्य भूतकाल
(ii) आसन्नभूतकाल
(iii) पूर्ण भूतकाल
(iv) अपूर्ण भूतकाल
(v) संदिग्ध भूतकाल
(vi) हेतुहेतुमद् भूत
सामान्य भूतकाल - जिससे भूतकाल की क्रिया के विशेष समय का ज्ञान न हो, उसे सामान्य भूतकाल कहते हैं। अर्थात, क्रिया के जिस रूप से काम के सामान्य रूप से बीते समय में पूरा होने का बोध हो, उसे सामान्य भूतकाल कहते हैं।
जैसे - मोहन आया।, सीता गयी।, श्रीराम ने रावण को मारा
उपर्युक्त वाक्यों की क्रियाएँ बीते हुए समय में पूरी हो गई। अतः ये सामान्य भूतकाल की क्रियाएँ हैं।
आसन्न भूतकाल -क्रिया के जिस रूप से यह पता चले कि क्रिया अभी कुछ समय पहले ही पूर्ण हुई है, उसे आसन्न भूतकाल कहते हैं। इससे क्रिया की समाप्ति निकट भूत में या तत्काल ही सूचित होती है।
जैसे - मैने आम खाया हैं। मैं अभी सोकर उठी हूँ। अध्यापिका पढ़ाकर आई हैं।
उपर्युक्त वाक्यों की क्रियाएँ अभी-अभी पूर्ण हुई हैं। इसलिए ये आसन्न भूतकाल की क्रियाएँ हैं।
पूर्ण भूतकाल - क्रिया के उस रूप को पूर्ण भूत कहते है, जिससे क्रिया की समाप्ति के समय का स्पष्ट बोध होता है कि क्रिया को समाप्त हुए काफी समय बीता है। अर्थात, क्रिया के जिस रूप से यह ज्ञात हो कि कार्य पहले ही पूरा हो चुका है, उसे पूर्ण भूतकाल कहते हैं।
जैसे - उसने श्याम को मारा था। अंग्रेजों ने भारत पर राज किया था। महादेवी वर्मा ने संस्मरण लिखे थे।
उपर्युक्त वाक्यों में क्रियाएँ अपने भूतकाल में पूर्ण हो चुकी थीं। अतः ये पूर्ण भूतकाल की क्रियाएँ हैं।
पूर्ण भूतकाल में क्रिया के साथ 'था, थी, थे, चुका था, चुकी थी, चुके थे आदि लगता है।
अपूर्ण भूतकाल - जिस क्रिया से यह ज्ञात हो कि भूतकाल में कार्य सम्पन्न नहीं हुआ था - अभी चल रहा था, उसे अपूर्ण भूत कहते हैं।
जैसे - सुरेश गीत गा रहा था। रीता सो रही थी।
उपर्युक्त वाक्यों में क्रियाएँ से कार्य के अतीत में आरंभ होकर, अभी पूरा न होने का पता चल रहा है। अतः ये अपूर्ण भूतकाल की क्रियाएँ हैं।
संदिग्ध भूतकाल - भूतकाल की जिस क्रिया से कार्य होने में अनिश्चितता अथवा संदेह प्रकट हो, उसे संदिग्ध भूतकाल कहते है। इसमें यह सन्देह बना रहता है कि भूतकाल में कार्य पूरा हुआ या नही।
जैसे - तू गाया होगा। बस छूट गई होगी। दुकानें बंद हो चुकी होगी।
उपर्युक्त वाक्यों की क्रियाएँ से भूतकाल में काम पूरा होने में संदेह का पता चलता है। अतः ये संदिग्ध भूतकाल की क्रियाएँ हैं।
हेतुहेतुमद् भूतकाल - यदि भूतकाल में एक क्रिया के होने या न होने पर दूसरी क्रिया का होना या न होना निर्भर करता है, तो वह हेतुहेतुमद् भूतकाल क्रिया कहलाती है।
'हेतु' का अर्थ है कारण। जहाँ भूतकाल में किसी कार्य के न हो सकने का वर्णन कारण के साथ दो वाक्यों में दिया गया हो, वहाँ हेतुहेतुमद् भूतकाल होता है।
इससे यह पता चलता है कि क्रिया भूतकाल में होनेवाली थी, पर किसी कारण न हो सका।
जैसे - यदि तुमने परिश्रम किया होता, तो पास हो जाते। यदि वर्षा होती, तो फसल अच्छी होती।
उपर्युक्त वाक्यों की क्रियाएँ एक-दूसरे पर निर्भर हैं। पहली क्रिया के न होने पर दूसरी क्रिया भी पूरी नहीं होती है। अतः ये हेतुहेतुमद् भूतकाल की क्रियाएँ हैं।
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