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स्वर :- ऐसी ध्वनियाँ जिनका उच्चारण करने में अन्य किसी ध्वनि की सहायता की आवश्यकता नहीं होती, उन्हें स्वर कहते हैं। स्वरों का उच्चारण करते समय हम केवल होठ एवं तालू का उपयोग करते हैं। स्वर ग्यारह होते हैं, अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ए, ऐ, ओ, औ, ऋ।
स्वरों के मुख्यतः तीन भेद होते हैं:
- हृस्व स्वर
- दीर्घ स्वर
- प्लुत स्वर
हृस्व स्वर :- ऐसे स्वर जिनके उच्चारण में सबसे कम समय लगता है, वे स्वर हृस्व स्वर कहलाते हैं। सभी स्वरों में चार हृस्व स्वर होते हैं : अ, इ, उ, ऋ। इन्हें मूल स्वर भी कहते हैं।
दीर्घ स्वर :- ऐसे स्वर जिनके उच्चारण में हृस्व स्वर से दोगुना समय लगता है, वे दीर्घ स्वर कहलाते हैं। हमारी वर्णमाला में सात दीर्घ स्वर है। वे इस प्रकार हैं: आ, ई, ऊ, ए, ऐ, ओ, औ।
प्लुत स्वर :- ऐसे स्वर जिनके उच्चारण में हृस्व स्वर से तीन गुना अधिक समय लगता है एवं दीर्घ स्वर से थोड़ा ज्यादा समय लगता है। प्लुत स्वरों का यह चिन्ह ‘ऽ’ होता है। जैसे: राऽऽम, ओऽऽम्।
- answered 3 years ago
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