भक्ति आन्दोलन क्या है? इसके प्रभावों का वर्णन कीजिए? What is Bhakti Movement? Describe its effects?
भक्ति आन्दोलन क्या है? इसके प्रभावों का वर्णन कीजिए? What is Bhakti Movement? Describe its effects?
History
Indian History
- asked 3 years ago
- B Butts
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भक्ति आंदोलन बहुत ही प्राचीन आंदोलनो में से एक है। भक्ति आंदोलन का आरंभ दक्षिण भारत में सातवी से बारहवीं शताब्दी के मध्य हुआ, जिसका उद्देश्य नयनार तथा अलवार संतों के बीच मतभेद को समाप्त करना था। इस आंदोलन के प्रथम प्रचारक शंकराचार्य माने जाते हैं। भक्ति आंदोलन हिन्दुओं का सुधारवादी आंदोलन था। इसमें ईश्वर के प्रति असीम भक्ति, ईश्वर की एकता, भाई चारा, सभी धर्मों की समानता तथा जाति व कर्मकांडों की भर्त्सना की गई है। वास्तव में
भक्ति आंदोलन के प्रभाव :-
- हिन्दुओं में आशा तथा साहस का संचार :- भक्ति आंदोलन से हिन्दुओं में आत्म बल का संचार हुआ। जिसके परिणाम स्वरूप हिन्दुओं की निराशा दूर हुई और हिन्दू अपनी सम्यता व संस्कृति को बचाने में सफल रहें।
- मुसलमानों के अत्याचारों में कमी :- भक्ति आंदोलनो के संतों द्वारा प्रतिपादित शिक्षाओं व उपदेशों का प्रभाव मुस्लिम शासक पर पड़ा। विभिन्न धर्मों के मध्य एकता स्थापित हुई, जिससे मुसलमानों के अत्याचार कम हो गए।
- याहरी आडम्बरों में कमी :- भक्ति आंदोलन के सभी संतों ने अपने उपदेशों में आडम्बरों की निंदा की और पवित्रता पर बल दिया। इन उपदेशों का प्रभाव यह हुआ कि लोग बाहरी आडम्बरों को त्यागकर सरल जीवन की ओर अग्रसर हुए।
- वर्गीयता तथा संर्कीणता पर आघात :- भक्ति आंदोलन में संतों ने ऊंच-नीच, छूत-अछूत का भेदभाव दूर करने का प्रयत्न किया जिसके परिणाम स्वरूप समाज में व्याप्त वर्गीयता और संर्कीणता को आघात लगा।
- आत्म गौरव एवं राष्ट्र मावना का प्रादुर्भाव :- भक्ति आंदोलन के संतों की ओजस्वी वाणी ने मनुष्य में आत्म गौरव एवं राष्ट्र भावना का संचार किया जिसके परिणाम स्वरूप कालान्तर में महाराष्ट्र, पंजाब आदि में राष्ट्रीय आंदोलनों का प्रादुर्भाव हुआ।
- प्रांतीय भाषाओं का विकास :- भक्ति आंदोलनों के संतों ने अपने-अपने उपदेश लोकभाषाओं में प्रचारित किए फलस्वरूप प्रांतीय भाषाओं- हिन्दी, मराठी, बंगाली, पंजाबी आदि का विकास हुआ।
- answered 3 years ago
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