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मनुष्य के नर प्रजनन तन्त्र का वर्णन कीजिए। Describe the male reproductive system of man.

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मनुष्य के नर प्रजनन तन्त्र का वर्णन कीजिए। Describe the male reproductive system of man.

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मनुष्य के नर प्रजनन तन्त्र में मुख्य रूप से वृषण शुक्र वाहिनी, शुक्राशय, मूत्रमार्ग, शिश्न और सहायक ग्रन्थियाँ होती हैं-

  • वृषण :- मनुष्य में एक जोड़ी वृषण रहते हैं जो वृषण कोष के अन्दर स्थित होते हैं। वृषण का कार्य शुक्राणुओं और लैंगिक हार्मोन्स को उत्पन्न करना है।
  • शुक्राशय :- एक जोड़ी 4 से.मी. लम्बी पतली भित्ति से बनी थैली नुमा संरचना है। दोनों ओर के शुक्राशय से मिलकर एक संयुक्त स्खलित वाहिनी निकलती है, जो मूत्रमार्ग में खुलती है।
  • मूत्रमार्ग :- यह पेशीय नलिका मूत्र को बाहर निकालने के साथ-साथ वीर्य का स्खलन करती है। यह शिश्न के शीर्ष भाग पर खुलती है।
  • शुक्रवाहिनी :- एक जोड़ी 30 से.मी. पतली भित्ति से बनी नलिका है। दोनों ओर यह इपिडाइडिमस से प्रारम्भ होकर लक्षण नाल से होती हुई उदर गुहा में आकर अपनी ओर के शुक्राशय में खुलती है। यह नलिका वीर्य को शुक्राशय में पहुँचाती है।
  • शिश्न :- यह मनुष्य का बाह्य जनन एवं मैथुन अंग है। इसका अग्र शिखर भाग फूला हुआ चिकना होता है। जिसे शिश्न मुण्ड कहते हैं। इसके ऊपर त्वचा के आवरण को शिश्नाग्र कहते हैं। इसके द्वारा मूत्र एवं वीर्य का निस्कासन किया जाता है।
  • सहायक अन्थियाँ :- प्रोटेस्टेट एवं क्राउपर ग्रन्थियाँ स्खलन नलिका के मूत्रमार्ग के खुलने के स्थान के चारों ओर पाई जाती है। जिसको प्रोस्टेट कहते हैं। इस ग्रन्थि से पतला द्रव निकलता हैं, जो कि वीर्य में गन्ध का कारण होता है। पुरःस्थ ग्रन्थि के नीचे मूत्र मार्ग के दोनों ओर मटर के दाने के समान ग्रन्थि पाई जाती है, इसे काउपर ग्रन्थि कहते हैं। यह क्षारीय द्रव को स्त्रावित करती है।
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