भारत में नागरिकों के मौलिक अधिकारों का वर्णन कीजिए। Describe the fundamental rights of citizens in India.
भारत में नागरिकों के मौलिक अधिकारों का वर्णन कीजिए। Describe the fundamental rights of citizens in India.
Political Science
Social Science
- asked 3 years ago
- B Butts
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भारतीय संविधान द्वारा नागरिकों को एक स्वतन्त्र तथा विकासशील जीवन प्रदान करने के लिए मौलिक अधिकार प्रदान किए गए हैं। संविधान द्वारा नागरिक को छः मौलिक अधिकार प्रदान किए गए हैं, जो निम्न हैं :-
समानता का अधिकार :- भारतीय संविधान में कानून के सामने सभी नागरिक समान हैं। धर्म, जाति, लिंग, भाषा, जन्म आदि की दृष्टि से किसी भी तरह की असमानता को नहीं माना गया है।
स्वतन्त्रता का अधिकार :- भारतीय नागरिकों को भाषण देने, शान्तिपूर्ण सम्मेलन करने, इच्छानुसार व्यापारव्यवसाय करने, किसी भी धर्म का पालन करने आदि की स्वतन्त्रता है।
शोषण के विरुद्ध अधिकार :- अगर किसी भी व्यक्ति का शारीरिक, भावनात्मक, मानसिक, आर्थिक या किसी भी तरह का शोषण किया जाता है, तो उसके विरुद्ध यह व्यक्ति कानून की सहायता लेकर शोषण से मुक्त हो जाता है।
धार्मिक स्वतन्त्रता का अधिकार :- व्यक्ति अपनी इच्छानुसार किसी भी धर्म को अपना सकता है, उसका पालन कर सकता है।
सांस्कृतिक तथा शिक्षा सम्बन्धी अधिकार :- इस अधिकार के अन्तर्गत भारत के नागरिकों को अपनी भाषा, लिपि तथा संस्कृति को सुरक्षित रखने तथा उसका विकास करने का अधिकार है।
संवैधानिक उपचारों का अधिकार :- इस अधिकार के अनुसार प्रत्येक नागरिक को यह अधिकार दिया गया है कि यदि उपरिवर्णित पाँच अधिकारों में से किसी भी अधिकार पर आक्षेप किया जाये या उससे छीना जाये, चाहे वह सरकार की ओर से ही क्यों न हो, तो वह सर्वोच्च न्यायालय व उच्च न्यायालय से न्याय की माँग कर सकता है।
नागरिकों के सर्वांगीण विकास हेतु मौलिक अधिकार आवश्यक हैं, इसीलिए भारतीय संविधान में नागरिकों के मौलिक अधिकारों का प्रावधान है। इनका हनन होने पर नागरिक उच्च अथवा सर्वोच्च न्यायालय की शरण ले सकता है, किन्तु इन अधिकारों को संकटकाल में प्रतिबन्धित किया जा सकता है। सन् 1976 में संविधान के 42वें संशोधन में 10 मूल कर्तव्यों को जोड़ा गया है।
- answered 3 years ago
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