बंग-भंग और स्वदेशी आन्दोलन के प्रभावों को समझाइए। Explain the effects of bang-bhang and Swadeshi movement.
बंग-भंग और स्वदेशी आन्दोलन के प्रभावों को समझाइए। Explain the effects of bang-bhang and Swadeshi movement.
Political Science
Social Science
- asked 3 years ago
- B Butts
1Answer
बंग-भंग और स्वदेशी आन्दोलन के निम्नलिखित प्रभाव थे :-
- बंग-भंग के कारण देश में एकता की भावना का विकास हुआ।
- स्वदेशी के प्रति नागरिकों का सम्मान की भावना बढ़ा, जिससे मृतप्रायः हो चुके हथकरघा, रेशम, बुनाई आदि अन्य पारम्परिक दस्तकारी उद्योग में नवजीवन का संचार हुआ।
- बंग-भंग के कारण स्वावलम्बन की भावना का विकास हुआ। यह आन्दोलन स्वावलम्बन व आत्मनिर्भरता के साथ जुड़ा हुआ था। लोगों में यह भावना पैदा हुई कि अपनी प्रगति के लिए वे स्वयं आगे आए। आत्मनिर्भरता के लिए स्वदेशी उद्योग अस्तित्व में आए।
- शिक्षा के क्षेत्र में परिवर्तन आया। गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर के शांतिनिकेतन की तरह ही बंगाल नेशनल कॉलेज की स्थापना हुई, जिसके प्राचार्य अरविंद घोष बने। इसी के साथ बहुत कम समय में ही अनेक राष्ट्रीय विद्यालयों की स्थापना भी हुई। देशी भाषा (क्षेत्रीय भाषा) में शिक्षा का पाठ्यक्रम तैयार हुआ।
- बंग-भंग के कारण सांस्कृतिक चेतना का विकास हुआ। इस समय रवीन्द्रनाथ टैगोर, रजनीकांत सेन, द्विजेन्द्र लाल राय, मुकुन्द दास, सैय्यदं अबू मोहम्मद आदि के लिखे गीत क्रांतिकारियों और स्वतन्त्रता प्रेमियों में प्रेरणास्रोत बने। बंग-भंग के बाद अंग्रेजों ने साम्प्रदायिक वैमनस्य फैलाने का काम किया, जिसमे बहुत हद तक वे सफल भी हुए।
- answered 3 years ago
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