किरचॉफ का नियम क्या है?
किरचॉफ का नियम (Kirchap Ka Niyam) क्या है? What is Kirchhoff’s Law in Hindi?
Physics
- asked 3 years ago
- B Butts
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कभी-कभी एक जटिल परिपथ में वोल्टेज या धारा का मान निकालने के लिए ओम के नियम का उपयोग करने से परेशानी खड़ी हो जाती हैं।
1845 में गुस्ताव किरचॉफ नाम के जर्मन भौतिक विज्ञानी ने विद्युत परिपथों(electrical circuits) में होनेवाली इन्हीं परेशानियों का हल निकालने के लिये वोल्टता एवं धारा सम्बन्धी दो नियम प्रतिपादित किये। ये दोनों नियम किरचॉफ के परिपथ के नियम(Kirchhoff’s Circuit Laws) कहे जाते हैं। ओम के नियम की तरह ही किरचॉफ के नियमों का भी वैद्युत इंजीनियरी(electrical engineering) के क्षेत्र में बहुत महत्व हैं।
किरचॉफ ने परिपथ के जिन दो नियमों को बताया था, वे इस प्रकार हैं –
- प्रथम – किरचॉफ का धारा(current) का नियम (Kirchhoff’s current law-KCL)
- द्वितीय – किरचॉफ का विभवान्तर(voltage) का नियम (Kirchhoff’s voltage law-KVL)
किरचॉफ का पहला नियम
किरचॉफ के धारा के नियम की परिभाषा (Definition of Kirchhoff’s current law) – “किसी विद्युत परिपथ में किसी भी बिन्दु या संधि (junction or node) पर मिलने वाली धाराओं का बीजगणितीय योग(algebraic sum) शून्य होगा।”
दुसरे शब्दों में कहे तो – “विद्युत परिपथ(electrical circuits) में किसी संधि या जंक्शन(जहाँ दो से अधिक चालक आकर मिलते हैं) पर आनेवाली धाराओं का योग वहां से जानेवाली धाराओं के योग के बराबर होती हैं।”
इसे किरचॉफ का ‘संधि नियम’, ‘जंक्शन का नियम’ या ‘बिन्दु नियम’ भी कहते है। यह आवेश के संरक्षण के सिद्धांत पर आधारित है।
किरचॉफ के पहले नियम का डायग्राम
Example:- डायग्राम के अनुसार निम्न समीकरण से इसे समझा जा सकता हैं-
i2 + i3 + (- i1 – i4) = 0
या, i2 + i3 = i1 + i4
किरचॉफ का दुसरा नियम
किरचॉफ के विभवान्तर के नियम की परिभाषा (Definition of Kirchhoff’s voltage law) – “किसी बंद लूप या परिपथ में विद्युत वाहक बल(EMF) का बीजगणितीय योग, उस परिपथ के प्रतिरोधकों के सिरों पर उत्पन्न विभवान्तरों(voltage) के बीजगणितीय योग के बराबर होता हैं।”
दुसरे शब्दों में कहे तो – “किसी लूप के सभी विभवान्तरों का बीजगणितीय योग शून्य होता है।”
इसे किरचॉफ का ‘लूप नियम’ भी कहते है। यह ऊर्जा के संरक्षण के नियम पर आधारित है।
किरचॉफ के दुसरे नियम का डायग्राम
Example:- डायग्राम के अनुसार निम्न समीकरण से इसे समझा जा सकता हैं-
VAB + VBC + VCD + VDA = 0
कुछ शब्दावली
नोड(Node): नोड यानि की जंक्शन, जहाँ विद्युत् परिपथ के दो या दो से अधिक चालक या कोई अन्य तत्व आकर मिलते हैं, नोड कहलाते हैं।
लूप(Loop): लूप एक बंद परिपथ को कहते हैं, जिसमें सर्किट से संबंधित तत्व या नोड एक से ज्यादा नही होते हैं।
परिपथ(Circuit): सर्किट एक बंद लूप को कहते हैं जिसमें चालकों, प्रतिरोधकों इत्यादि से होकर विद्युत् धारा प्रवाहित होती हैं।
इस लेख Kirchhoff’s Laws in Hindi : आसान शब्दों में किरचॉफ का पहला व दुसरा नियम को पढ़ने के बाद आशा हैं की आपको इसे समझने में मदद मिली होगी।
- answered 3 years ago
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