सूर्य के बारे में बिस्तृत्व जानकारी, और सौरमंडल में सूर्य का महत्व |
सूर्य सौरमंडल का प्रधान होता है, यह सौर मंडल का सबसे बड़ा पिंड है और उसका व्यास लगभग 13 लाख 92 हज़ार किलोमीटर है जो पृथ्वी से लगभग 109 गुना अधिक है। ऊर्जा का यह शक्तिशाली भंडार मुख्य रूप से हाइड्रोजन और हीलियम गैसों का एक विशाल गोला है।परमाणु विलय की प्रक्रिया द्वारा सूर्य अपने केंद्र में ऊर्जा पैदा करता है। सूर्य से निकली ऊर्जा का छोटा सा भाग ही पृथ्वी पर पहुँचता है, इसकी मजबूत गुरुत्वाकर्षण शक्ति विभिन्न कक्षाओं में घूमते हुए पृथ्वी और अन्य ग्रहों को इसकी तरफ खींच कर रखती है।और सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाने वाले विभिन्न ग्रहों, धूमकेतुओं, क्षुद्रग्रहों, उल्काओं और अन्य आकाशीय पिंडों के समूह को सौरमंडल कहते हैं
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सूर्य एक तारा हैं ।
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सूर्य की पृथ्वी से न्यूनतम दूरी 14.70 करोड़ किमी है।
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सूर्य की पृथ्वी से अधिकतम दूरी 15.21 करोड़ किमी है।
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सूर्य का व्यास लगभग 13,92,000 किमी है।
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सूर्य का प्रकाश पृथ्वी पर 8 मिनट 16.6 सेकेंड में पहुँचता हैं।
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सूर्य की आयु लगभग 5 विलियन वर्ष है।
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सूर्य में हाइड्रोजन 71% हिलीयम 26.5% अन्य 2.5% का रासायनिक मिश्रण होता हैं
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सूर्य सहित सभी तारों में हाइड्रोजन और हिलीयम के मिश्रण को संलयन अभिक्रिया कहा जाता हैं।
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सूर्य में हल्के- हल्के धब्बे को सौर्यकलन कहते है,जो चुम्बकीय विकिरण उत्सर्जित करते हैं जिससे पृथ्वी के बेतार संचार में खराबी आ जाती है.
सूर्य से ग्रहों की दूरी का क्रम - बुध - शुक्र- पृथ्वी - मंगल - बृहस्पति - शनि - अरुण - वरुण।
Physics
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Rochak Jankari
- asked 5 years ago
- B Butts