भारत में शिक्षक दिवस क्यों और कब से मनाया जाता है, के बारे में संक्षिप्त विवरण|
गुरू और शिष्य की परम्परा अनन्त काल से चला आ रहा है । दोनो का सम्बन्ध बहुत ही अद्भूत होता है ।जिस प्रकार कुम्हार और मिट्टी का सम्बन्ध होता है ठीक उसी प्रकार गुरू और शिष्य का भी सम्बन्ध होता है । मिट्टी का कोई वजूद नही होता लेकिन जब कुम्हार के पास आता है और चाक रूपी विद्यालय मे संस्कार रूपी पानी और अनुशासन रूपी हाथ से गुथा जाता है तो उसके परिणाम स्वरूप वर्तन बनता है जो समाज के लोगो के काम आता है । ठीक उसी प्रकार बिना गुरू के मानव का वजूद नही जब गुरू से मिलता है तो गुरू उसे अनुशासन और संस्कार से गुथ कर विद्यालय रूपी चक्की मे धुमाकर एक योग्य मनुष्य बनाता है ।
भारतीय परम्परा मे गुरू को ईश्वर से उपर माना गया है । रामचरित मानस मे तुलसी दास ने गुरू की महिमा का बखान करते हुए लिखे है -
बंदउं गुरू पद कंज कृपा सिंधु नररूप हरि ।
महामोह तम पुंज जासु बचन रबि कर निकर ।
अर्थ:- कि मै उन गुरू महराज के चरणकमल की वंदना करता हू ,जो कृपा के समुन्द्र और मानव रूप मे ईश्वरीय अवतार है और जिनका वक्तव्य महामोह रूपी अंधकार का नाश करने वाली सूर्य के किरणो का समूह के समान है ।
भारत में शिक्षक दिवस 5 सितंबर को मनाया जाता है जबकि अंतर्राष्ट्रीय शिक्षक दिवस का आयोजन 5 अक्टूबर को होता है। रोचक तथ्य यह है कि शिक्षक दिवस दुनिया भर में मनाया जाता है लेकिन सबने इसके लिए एक अलग दिन निर्धारित किया है। कुछ देशों में इस दिन अवकाश रहता है तो कहीं-कहीं यह कामकाजी दिन ही रहता है।
शिक्षक दिवस मनाने की शुरुआत : स्वतंत्र भारत के पहले उपराष्ट्रपति जब 1962 में राष्ट्रपति बने तब कुछ शिष्यों ने एवं प्रशंसकों ने आपसे निवेदन किया कि वे उनका जनमदिन शिक्षक दिवस के रूप में मनाना चाहते हैं। तब डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी ने कहा कि मेरे जन्मदिवस को शिक्षक दिवस के रूप में मनाने से मैं अपने आप को गौरवान्वित महसूस करूंगा। तभी से 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।
शिक्षकों के प्रति सहयोग को बढ़ावा देने और भविष्य की पीढ़ियों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए शिक्षकों के महत्व के प्रति जागरूकता लाने के मकसद से इसकी शुरुआत की गई थी।
डॉ. राधाकृष्णन कहा करते थे-
पुस्तकें वो साधन हैं जिनके माध्यम से हम विभिन्न संस्कृतियों के बीच पुल का निर्माण कर सकते हैं।
Teachers day एक ऐसा भारतीय पर्व है जिसको भारत के स्टूडेंट अपने Teachers के सम्मान के लिए मनाते है|
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- B Butts