क्या आप जानते हैं सूर्य नमस्कार करने के ये फायदे? Surya Namaskar Se Hone Wale Fayde |
सूर्य ऊर्जा का सबसे बड़ा स्रोत है। इसी कारण प्राचीन ऋषि-मुनि सूर्य की पूजा-अर्चना करते थे। सूर्य नमस्कार का मतलब है सूर्य को नमन करना। अगर आप योग की शुरुआत कर रही हैं तो इसके लिए 'सूर्य नमस्कार' का अभ्यास सबसे बेहतर है। यह आपको एक साथ 12 योगासनों का फायदा देता है और इसीलिए इसे सर्वश्रेष्ठ योगासन भी कहा जाता है।
सूर्य नमस्कार में 12 आसान होते हैं। इसे सुबह के समय करना बेहतर होता है। सूर्य नमस्कार के नियमित अभ्यास से शरीर में रक्त संचरण बेहतर होता है, स्वास्थ्य बना रहता है और शरीर रोगमुक्त रहता है। सूर्य नमस्कार से हृदय, यकृत, आँत, पेट, छाती, गला, पैर शरीर के सभी अंगो के लिए बहुत से लाभ हैं। सूर्य नमस्कार सिर से लेकर पैर तक शरीर के सभी अंगो को बहुत लाभान्वित करता है। यही कारण है कि सभी योग विशेषज्ञ इसके अभ्यास पर विशेष बल देते हैं।
सूर्य नमस्कार के आसन हल्के व्यायाम और योगासनो के बीच की कड़ी की तरह है और खाली पेट कभी भी किए जा सकते हैं। हालाँकि सूर्य नमस्कार के लिए सुबह का समय सबसे अच्छा माना जाता है क्योंकि यह मन व शरीर को ऊर्जान्वित कर तरो ताज़ा कर देता है और दिनभर के कामो के लिए तैयार कर देता है। यदि यह दोपहर में किया जाता है तो यह शरीर को तत्काल ऊर्जा से भर देता है, वहीं शाम को करने पर तनाव को कम करने में मदद करता है। यदि सूर्य नमस्कार तेज गति के साथ किया जाए तो बहुत अच्छा व्यायाम साबित हो सकता है और वजन कम करने में मदद कर सकता है।
सूर्य नमस्कार 12 योगासनों से मिलकर बना होता है।
1. प्रणामासन (Pranamasana - The Prayer Pose) :- सूरज की तरफ चेहरा करके सीधे खड़े हों और दोनों को पैरों को मिलाएं, कमर सीधी रखें। अब हाथों को सीने के पास लाएं और दोनों हथेलियों को मिलाकर प्रणाम की अवस्था बनाएं।
2. हस्तउत्तनासन (Hasta Uttanasana - Raised Arms Pose) :- पहली अवस्था में ही खड़े होकर अपने हाथों को सिर के ऊपर उठाकर सीधा रखें। अब हाथों को प्रणाम की अवस्था में ही पीछे की ओर ले जाएं और कमर को पीछे की तरफ झुकाएं।
3. पादहस्तासन (Padahastasana - Standing Forward Bend) :- अब धीरे-धीरे सांस छोड़ें और आगे की ओर झुकते हुए हाथों से पैरों की उंगलियों को छुएं। इस समय आपका सिर घुटनों से मिला होना चाहिए।
4. अश्व संचालनासन (Ashwa Sanchalanasana - Equestrian Pose) :- धीरे-धीरे सांस लें और सीधा पैर पीछे की ओर फैलाएं। सीधे पैर का घुटना जमीन से मिलना चाहिए। अब दूसरे पैर को घुटने से मोड़ें और हथेलियों को जमीन पर सीधा रखें। सिर को आसमान की ओर रखें।
5. दंडासन (Dandasana - Staff Pose ) :- अब सांस छोड़ते हुए दोनों हाथों और पैरों को सीधी लाइन में रखें और पुश-अप की पोजीशन में आ जाएं।
6. अष्टांग नमस्कार (Ashtanga Namaskara - Eight Limbed pose or Caterpillar pose) :- अब सांस लेते हुए अपनी हथेलियों, सीने, घुटनों और पैरों को जमीन से मिलाएं। इस अवस्था में रहें और सांस को रोकें।
7. भुजंगासन (Bhujangasana - Cobra Pose) :- अब हथेलियों को जमीन पर रखकर पेट को जमीन से मिलाते हुए सिर को पीछे आसमान की ओर जितना हो सके झुकाएं।
8. अधोमुख शवासन (Adho Mukha Svanasana - Downward-facing Dog Pose) :- इसे पर्वतासन भी कहा जाता है। इसके अभ्यास के लिए अपने पैरों को जमीन पर सीधा रखें और कूल्हे को ऊपर की ओर उठाएं। सांस छोड़ते हुए कंधों को सीधा रखें और सिर को अंदर की तरफ रखें।
9. अश्व संचालनासन (Ashwa Sanchalanasana - Equestrian Pose) : - धीरे-धीरे सांस लें और सीधा पैर पीछे की ओर फैलाएं। सीधे पैर का घुटना जमीन से मिलना चाहिए। अब दूसरे पैर को घुटने से मोड़े और हथेलियों को जमीन पर सीधा रखें। सिर को आसमान की ओर रखें।
10. पादहस्तासन (Padahastasana - Hand Under Foot Pose) :- अब धीरे-धीरे सांस छोड़ें और आगे की ओर झुकते हुए हाथों से पैरों की उंगलियों को छुएं। इस समय आपका सिर घुटनों से मिला होना चाहिए।
11. हस्तउत्तनासन (Hasta Uttanasana - Raised Arms Pose) :- पहली अवस्था में ही खड़े होकर अपने हाथों को सिर के ऊपर उठाकर सीधा रखें। अब हाथों को प्रणाम की अवस्था में ही पीछे की ओर ले जाएं और कमर को पीछे की तरफ झुकाएं। इस दौरान आप आधे चांद का आकार बनाएंगी। इस आसन को अर्धचंद्रासन भी कहा जाता है।
12. प्रणामासन (Pranamasana - The Prayer Pose) :- सूरज की तरफ चेहरा करके सीधे खड़े हों और दोनों को पैरों को मिलाएं, कमर सीधी रखें। अब हाथों को सीने के पास लाएं और दोनों हथेलियों को मिलाकर प्रणाम की अवस्था बनाएं।
सूर्य नमस्कार से होने वाले महत्वपूर्ण फायदे
- वजन कम होना :- सूर्य नमस्कार करने से शरीर के हर भाग पर जोर पड़ता है जिससे वहां की चर्बी धीरे धीरे गलने लगती है। अगर आप मोटे हैं तो सूर्य नमस्कार रोज करें।
- शरीर में लचीलापन आना :- सूर्य नमस्कार करने से शरीर में अकडऩ कम हो जाती है और शरीर में लचक पैदा होने लगती है। यह एक बहुत ही अच्छा व्यायाम है।
- हड्डियां को मजबूत बनाता है :- सूरज के सामने सूर्य नमस्कार करने से शरीर में विटामिन डी जाता है जिससे खूब सारा कैल्शियम हड्डियों द्वारा सोख लिया जाता है।
- शारीरिक मुद्रा में सुधार आना :- कई लोग झुक कर चलते व बैठते हैं जिससे उनके शरीर की पूरी बनावट खराब दिखती है। लेकिन सूर्य नमस्कार करने से अंदर से शारीरिक सुधार होने लगता है। इससे शरीर का सारा दर्द भी खत्म हो जाता है।
- पाचन क्रिया में सुधार आना :- सूर्य नमस्कार करने से पाचन क्रिया में सुधार होता है। इससे खाना पचाने वाला रस ज्यादा मात्रा में निकलता है और पेट में छुपी गैस बाहर निकल जाती है जिससे पेट हमेशा हल्का बना रहता है।
- तनाव का दूर होना :- सूर्य नमस्कार करते वक्त लंबी सांस भरनी चाहिए जिससे शरीर रिलैक्स हो जाता है। इसे करने से बेचैनी और तनाव दूर होता है तथा दिमाग शांत होता है।
- पाइल्स और कब्ज दूर होना :- आगे की ओर झुकाव करने से कब्ज और पाइल्स की समस्या नहीं होती। यह करने से पेट की पाचन क्रिया में भी सुधार होता है।
- अनिंद्रा का दूर होना :- लोगों में अनिंद्रा की समस्या आम हो गई है तो ऐसे मे सूर्य नमस्कार जरुर करना चाहिये। इससे शरीर रिलैक्स हो जाता है जिससे रात को अच्छी नींद आती है।
- ब्लड सकुर्लेशन बढाए :- सूर्य नमस्कार करते वक्त आप अपने शरीर के हर हिस्से का प्रयोग करते हैं जिससे आपके शरीर में खून का दौरा तेज हो जाता है। ऐसा होने पर शरीर में पूरे दिन एनर्जी भरी रहती है।
- पीरियड्स रेगुलर करे :- कई महिलाओं में अनियमित पीरियड्स होते हैं जो कि सूर्य नमस्कार को नियमित रूप से करने से ठीक हो जाता है। यह हार्मोन को भी बैलेंस करता है।
- खूबसूरत त्वचा बनाए रखे :- इसे नियमित रूप से करने पर शरीर में खून का दौरा तेज होने के साथ पेट भी सही रहता है। साथ ही चेहरे से झुर्रियां मिट जाती हैं।
- मन की एकाग्रता बढ़ाये :- योगा करने से आपका शरीर पूरी तरह से फ्री हो जाता है। इसको करने से वात पित्त और कफ दोष शांत हो जाते हैं। इससे शरीर स्ट्रेस से दूर अध्यात्म की ओर चला जाता है।
- अगर आप बालों की की समस्या से ग्रसित हैं तो यह योगा अभ्यास आपके बालों को असमय सफेद होने, झड़ने व रूसी से बचाता ह
- अगर आपको गुस्सा बहुत जल्दी आता है तो यह योग आपको इसे कंट्रोल में रखने की शक्ति भी प्रदान करता है.
- जोड़ों को सुचारू रखने में भी सहायक है.
- शरीर को प्राकृतिक रूप से विटामिन डी मिलता है जो हड्डियों को मजबूत करने और आंखों की रोशनी बढ़ाने में फायदेमंद होता है.
- यह योग त्वचा के रोग खत्म करने में भी मददगार साबित होता है.
इन लोगो को सूर्य नमस्कार नहीं करना चाहिए
- हर्निया और उच्च रक्ताचाप के मरीजों को सूर्य नमस्कार नहीं करने की सलाह दी जाती है।
- पीठ दर्द की समस्या से ग्रस्त लोग सूर्य नमस्कार शुरू करने से पहले उचित सलाह जरूर लें।
- गर्भवती महिला तीसरे महीने के गर्भ के बाद से इसे करना बंद कर दें।
- महिलाएं पीरियड के दौरान सूर्य नमस्कार और अन्य आसन न करें।
इन बातों का रखें ध्यान
- सूर्य नमस्कार पूर्व दिशा की तरफ मुंह करके ही करना चाहिए.
- इस योग अभ्यास को शुरू करने से पहले योगा एक्सपर्ट की राय जरूर लें.
- सूर्य नमस्कार कम से कम पांच बार करना चाहिए लेकिन शुरुआत के समय आप इसे अपनी शारीरिक क्षमता के अनुसार करें.
- सूर्य नमस्कार करते समय शरीर की प्रत्येक क्रिया को ध्यानपूर्वक व आराम से करना चाहिए.
- अगर आप किसी गंभीर बीमारी से पीडि़त हैं तो एक आर अपने डॉक्टर से कंसल्ट जरूर कर लें.
- सूर्य नमस्कार की तीसरी व पांचवीं स्थितियां सर्वाइकल एवं स्लिप डिस्क वाले रोगियों के लिए वर्जित हैं.
- सूर्य नमस्कार को सुबह ताज़ी हवा में खाली पेट करें।
- शुरुआत में इसे धीरे-धीरे करें।
Health Desk
Yoga
- asked 3 years ago
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