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मुंशी प्रेमचंद के उपन्यास एवं कहानियाँ | Premchand Stories and Nobel in Hindi

प्रेमचंद आधुनिक हिन्दी कहानी के पितामह और उपन्यास सम्राट माने जाते हैं।उनकी पहली हिन्दी कहानी सरस्वती पत्रिका के दिसम्बर अंक में 1915 में सौत नाम से प्रकाशित हुई और 1936 में अंतिम कहानी कफन नाम से प्रकाशित हुई। बीस वर्षों की इस अवधि में उनकी कहानियों के अनेक रंग देखने को मिलते हैं।

आइये जानते है इनके द्वारा लिखा गया उपन्यास, कहानियाँ और अन्य रचनाओं के नाम, जिनसे पता चलता है की मुंशी प्रेमचंद्र को कलम के जादूगर क्यू कहा जाता है| इनके रचनाओं के शीर्षक से ही रचनाओं का सारांश का पता चल जाता है|

 

मुंशी प्रेमचंद के उपन्यास | Premchand Ke Upanyas List

  1. सेवासदान

  2. रंगभूमि

  3. गोदान

  4. ग़बन

  5. कर्मभूमि

  6. कायाकल्प

  7. निर्मला

  8. प्रतिज्ञा

  9. प्रेमाश्रम

  10. अलंकार

  11. मंगलसूत्र (अपूर्ण)

 

मुंशी प्रेमचंद की कहानियाँ | Premchand Stories List

  1. नमक का दारोगा

  2. विजय

  3. कौशल

  4. नरक का मार्ग

  5. दो बैलों की कथा

  6. पूस की रात

  7. पंच- परमेश्वर

  8. धिक्कार

  9. एक आंच की कसर

  10. नैराश्य लीला

  11. उद्धार

  12. वफ़ा का खंजर

  13. माता का ह्रदय

  14. नेउर

  15. वासना की कड़ियॉँ

  16. अपनी करनी

  17. स्त्री और पुरुष

  18. शूद्र

  19. निर्वासन

  20. लैला

  21. एकता का सम्बन्ध पुष्ट होता है

  22. इज्जत का खून

  23. घमण्ड का पुतला

  24. तेंतर

  25. देवी

  26. होली की छुट्टी

  27. आधार

  28. मुबारक बीमारी

  29. नैराश्य

  30. परीक्षा

  31. पुत्र-प्रेम

  32. गैरत की कटार

  33. स्वर्ग की देवी

  34. राष्ट्र का सेवक

  35. वैराग्य

  36. काशी में आगमन

  37. बेटों वाली विधवा

  38. शादी की वजह

  39. डिप्टी श्यामाचरण

  40. दण्ड

  41. शिष्ट-जीवन के दृश्य

  42. नादान दोस्त

  43. अमृत

  44. विश्वास

  45. बड़े बाबू

  46. प्रतिशोध

  47. मन का प्राबल्य

  48. अलग्योझा

  49. मंदिर और मस्जिद

  50. क़ातिल

  51. विदुषी वृजरानी

  52. ईदगाह

  53. प्रेम-सूत्र

  54. प्रेम का स्वप्न

  55. खुदी

  56. सैलानी बंदर

  57. नब़ी का नीति-निर्वाह

  58. आख़िरी तोहफ़ा

  59. वरदान

  60. माधवी

  61. मॉँ

  62. तांगेवाले की बड़

  63. बडे भाई साहब

  64. मोटेराम जी शास्त्री

  65. सखियाँ

  66. नशा

  67. कवच

  68. नये पड़ोसियों से मेल-जोल

  69. सभ्यता का रहस्य

  70. स्‍वामिनी

  71. दूसरी शादी

  72. ईर्ष्या

  73. विदाई

  74. शांति

  75. पर्वत-यात्रा

  76. निष्ठुरता और प्रेम

  77. सांसारिक प्रेम और देशप्रेम

  78. प्रतापचन्द्र और कमलाचरण

  79. कप्तान साहब

  80. तिरसूल

  81. विक्रमादित्य का तेगा

  82. नसीहतों का दफ्तर

  83. राजहठ

  84. त्रियाचरित्र

  85. मतवाली योगिनी

  86. समस्या

  87. ठाकुर का कुआं

  88. सौत

  89. सुशीला की मृत्यु

  90. दो सखियां

  91. पैपुजी

  92. कमलाचरण के मित्र

  93. आत्म-संगीत

  94. गुल्ली-डंडा

  95. क्रिकेट मैच

  96. कायापलट

  97. एक्ट्रेस

  98. बुढ़ी काकी

  99. देवी

  100. विरजन की विदा

  1. सोहाग का शव

  2. झांकी

  3. ज्योति

  4. कोई दुख न हो तो बकरी खरीद ला

  5. भ्रम

  6. ईश्वरीय न्याय

  7. शेख मखगूर

  8. स्नेह पर कर्त्तव्य की विजय

  9. मंत्र

  10. बोहनी

  11. आत्माराम

  12. बड़ें घर की बेटी

  13. जेल

  14. पत्नी से पति

  15. शराब की दूकान

  16. जुलूस

  17. मैकूसमर-यात्रा

  18. दुर्गा का मन्दिर

  19. शोक का पुरस्कार

  20. कमला के नाम विरजन के पत्र

  21. प्रायश्चित

  22. दिल की रानी

  23. दुनिया का सबसे अनमोल रतन

  24. कर्तव्य और प्रेम का संघर्ष

  25. ममता

  26. धिक्‍कार

  27. बंद दरवाजा

  28. मिलाप

  29. मनावन

  30. अंधेर

  31. दु:ख-दशा

  32. इस्तीफा

  33. स्वांग

  34. आखिरी मंजिल

  35. आल्हा

  36. सिर्फ एक आवाज

  37. नेकी

  38. बॉँका जमींदार

  39. अनाथ लड़की

  40. कर्मों का फल

  41. शांति

  42. बैक का दिवाला

  43. शंखनाद

  44. नाग पूजा

  45. कफ़न

  46. स्वामिनी

  47. ठाकुर का कुआँ

 

मुंशी प्रेमचंद की नाटक | Premchand Drama List

 

  1. संग्राम (1923),

  2. कर्बला (1924) और

  3. प्रेम की वेदी (1933)

मुंशी प्रेमचंद की लेख/निबंध | Premchand Eassy List

 

  1. साहित्‍य का उद्देश्‍य,

  2. पुराना जमाना नया जमाना,

  3. स्‍वराज के फायदे,

  4. कहानी कला,

  5. कौमी भाषा के विषय में कुछ विचार,

  6. हिंदी-उर्दू की एकता,

  7. महाजनी सभ्‍यता,

  8. उपन्‍यास,

  9. जीवन में साहित्‍य का स्‍थान

मुंशी प्रेमचंद की अनुवाद |

 

प्रेमचंद एक सफल अनुवादक भी थे। उन्‍होंने दूसरी भाषाओं के जिन लेखकों को पढ़ा और जिनसे प्रभावित हुए, उनकी कृतियों का अनुवाद भी किया। 'टॉलस्‍टॉय की कहानियाँ' (1923), गाल्‍सवर्दी के तीन नाटकों का हड़ताल (1930), चाँदी की डिबिया (1931) और न्‍याय (1931) नाम से अनुवाद किया। आजाद-कथा (उर्दू से, रतननाथ सरशार), पिता के पत्र पुत्री के नाम (अंग्रेजी से, जवाहरलाल नेहरू) उनके द्वारा रतननाथ सरशार के उर्दू उपन्‍यास फसान-ए-आजाद का हिंदी अनुवाद आजाद कथा बहुत मशहूर हुआ।

 

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